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सोमवार, 28 दिसंबर 2020

पुस्तकालय पर निबंध | Essay on Library in Hindi

 दोस्तों , हमारे इस Gayani Bro के ब्लॉग में आपका स्वागत है| आज के इस आर्टिकल में हम पुस्तकालय पर निबंध (Essay on Library in Hindi) पढेंगे| दोस्तों क्या आप जानते है 'पुस्तकालय' शब्द दो सब्दो के मेल से बना है- 'पुस्तक' और 'आलय'| दोस्तों, 'पुस्तक' का अर्थ होता है किताब (Book) और 'आलय' का अर्थ होता है घर (House) इसका मतलब हुआ की जहा पुस्तकों का संग्रह हो उसी को पुस्तकालय कहते है|

आपने अभी तक हमारे ब्लॉग के ढेर सारे हिंदी निबंध पढ़ चुके होंगे जैसे की सच्चे मित्र पर निबंध, गणतंत्र दिवस पर निबंध, क्रिसमस पर निबंध आदि.

तो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल पुस्तकालय पर निबंध (Essay on Library in Hindi) को सुरु करे| औरे हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमें जरुर बताए की यह आर्टिकल कैसी थी|

पुस्तकालय पर निबंध - Essay on Library in Hindi 

पुस्तकालय पर निबंध - Essay on Library in Hindi

 प्रस्तवाना - नियमानुसार क्रमबद्ध पुस्तकों के रखने के स्थान को पुस्तकालय कहा जाता है| आज का युग सर्वशिक्षा का युग है| आज शिक्षा के प्रति आकर्षण इस कद्र बना है की हर वक्ती अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलवाना चाहता है| 

शिक्षा सर्वसुलभ हो ऐसा विचार कोरा विचार ही रह जाएगा, यदि लोगो के लिए निशुल्क शिक्षा की वयस्था न की गई| शिक्षा की सुभिधाए निसुल्क प्राप्त हो| आज भारत में शिक्षा के प्रसार में जो सन्स्थाए सहयोग प्रदान कर रही है, पुस्तकालय उनमे प्रमुख है|

पुस्तकालय एक ज्ञान का केंद्र है जहा से हम ज्ञान की प्राप्ति करते है और उसी ज्ञान को समाज में फैलाते है| पुस्तकालय वह जगह है जहा हम अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण बाते सीखते है| पुस्तकालय सरस्वती माँ का आराधना का केंद्र है| पुस्तके ज्ञान अर्जित करने का सबसे बरा साधन है|

विभिन्न प्रकार के पुस्तकालय- अनेक धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाओ के अपने विशाल पुस्तकालय होते है, जो जनता को नि;शुल्क अथवा नाम-मात्र पैसो से पढने के लिए पुस्तक, पत्र-पत्रिकाएँ आदि देते है| दुसरे, प्रत्यक स्कूल, कॉलेज के अपने पुस्तकालय होते है| इन पुस्तकालयो में प्राय विद्यार्थी और अध्यापक के पाठ्यक्रम से सम्बंधित पुस्तके ही होती है, जिससे दोनों लाभाविनित होते है|

समय का सदुपयोग- स्थानिय पुस्तकालय अथवा नगरपालिका द्वारा चलाए जाने वाले पुस्तकालयो में अवकाश के दिन भीर देखी जा सकती है| लोग अपनी रूचि के अनुशार समाचार-पत्र, पत्रिकाए, नाटक-एकाकी, कहानियो का आनंद नि;शुल्क प्राप्त कर सकते है| अवकाश के उपयोग का इससे उत्तम उपाए और क्या हो सकता है?

पुस्तकालय ज्ञान का भंडार- ज्ञान पिपासु मनुष्य, पुस्तकालय की से अपनी प्यास बुझा सकता है|ऐसे प्राचीन ग्रंथ, जू ज्ञान के भंडार होते है, जो खोजने पर ही मिलते है, पुस्तकालय के संरक्षण में वे लोगो की इच्छाओं की पूर्ति करते है|

 पुस्तकालय निर्धनों को नि;शुल्क पुस्तके प्रदान करता है| भारत एक गरीब देश है| रोटी और कपरो की समस्या हल नहीं होती, पुस्तक कहा से खरीदेंगे? पुस्तकालय ऐसे लोगो की सहायता करता है| कोई पुस्तक अपने आप में पूर्ण हो सकती है, यह कहना असंभव है| 

अध्यापक भी किसी विषय का पूर्ण ज्ञान दे सकता है, ऐसा शाम्भव नहीं है| उसे विषय के पूर्ण अध्यन के लिए पुस्तकालय के सरण में जाना परता है| पुस्तकालय में अध्यापकों को एक ही विषय पर अनेक विध्वनो द्वारा लिखी हुई पुस्तेके मिल जाती है|

सिक्षा प्रसार का साधन- आज सिक्षा के प्रचार में पुस्तकालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है| इसलिए सर्कार को चाहिए कि प्रतियक ग्राम व नगर में पुस्तकालय खोले जाय, ताकि लोगो में शिक्षा के प्रति रूचि जागृत हो| स्थानिय संस्थायें भी यदि चाहे तो पुस्तकालय खोलकर, लोगो को ग्रान-विज्ञान के लिए प्ररित कर सकती है| 


Final Thought:- 

मैं आप लोगो से बस इतना ही कहना चाहता हू की अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जुरुर से जरुर शेयर करे| धन्यवाद ..........

 

 

शनिवार, 26 दिसंबर 2020

Best Friendship Essay in Hindi (सच्चे मित्र पर निबंध हिंदी में पढ़े )

 दोस्तों, हमने अपने पिछले Essay के आर्टिकल में गणतंत्र दिवस के बारे में हिंदी में पढ़ा, अगर आपने अभी तक इस आर्टिकल को नहीं पढ़ा तो पढ़ सकते है| 

दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम सच्चे मित्र पर निबंध हिंदी में (Best Friendship Essay in Hindi) पढेंगे और इस आर्टिकल में यह भी बताया गया है की सच्चे मित्र के क्या-क्या गुण होते है|

तो दोस्तों, इस आर्टिकल को पूरा गरूर पढ़े और हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से यह जरुर बताये की यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, तो ज्यदा समय न गवाते हुए इस आर्टिकल को सुरु करे|

Best Friendship Essay In Hindi (सच्चे मित्र पर निबंध हिंदी में पढ़े)

Best Friendship Essay in Hindi (सच्चे मित्र पर निबंध हिंदी में पढ़े )

 प्रस्तावना- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है| वह कभी समाज से अलग नहीं रह सकता| उसे प्रत्येक कार्य में लोगो के सहयोग की आवश्यकता होती है| इन लोगो में कुछ ऐसे भी होने चाहिए जो उसके सच्चे सुभेच्यु हो| अतः समाज में रहकर मनुष्य अपने जीवन के छनों को उत्तम ढंग से व्यतीत करने के लिए मित्र बनता है|

मित्र शब्द का अर्थ आजकाल बहुत हल्का और सामान्य है| आचानक आपका परिचय हुआ और आपने उसको मित्र की संज्ञा दे दी| सच्चा मित्र मिलना बहुत कठिन है| मित्र का अर्थ उस साथी से लगाया जाता है, जो गुणों को प्रकट करे, अवगुणों को छिपा ले, सुख-दुःख में साथ दे, विस्वास और सनेह के साथ उनन्ती की कामना करे|

परिवार के सदस्यो से हर बात नहीं की जा सकती| यदि किसी से दिल खोलकर बाते की जा सकती है तो केवल मित्र से| मित्र के अभाव से मनुष्य कुछ खोया-खोया सा रहता है कुइकी क्योंकि वह अपने सुख-दुःख की बात किससे करे, विपत्ति के समय किससे सहायता मांगे, हस्सी-मजाक का हल किससे पूछे तथा अपना समय किसके साथ बिताए?

 सच्चा मित्र ईस्वर का सबसे प्रिय वरदान है

सच्चे मित्र का मिलना सरल नहीं होता| सच्चा मित्र ईस्वर का सबसे प्रिय वरदान है| सच्चा मित्र वही है जो विश्वासपात्र तथा सदाचारी हो, जो आवश्यकता पर्ने पर काम आए| वही सच्चा मित्र होता है जो अपने मित्र के दुःख से दुखी हो, अपने बरे से बरे दुःख को धुल-कण के सामान और मित्र के धुल-कण के सामान दुःख को बरा समझे, मित्र को बुरे मार्ग से रोककर अच्छे मार्ग पर चलाए, मित्र के गुणों को प्रकट करे और उसके अवगुणों को छिपाए, जो विपत्ति के समय सॉ गुना सनेह करे, लेन-देन में मन में शका न रखे और अपनी शक्ति के अनुशार सदा हित ही करता रहे| जो सामने कोमल वचन बोले और पीछे अहित करे, मन में कुटिलता रखे ऐसे मनुष्य को मित्र नहीं बनाना चाहिए|

कृष्ण-सुदामा की मित्रता 

 
कृष्ण-सुदामा की मित्रता का उदाहरण भी दिया जा सकता है| परंतु आज के युग में तो ऐसे मित्र की कल्पना ही की जा सकती है| क्योंकि आजकल मित्रता किसी न किसी स्वार्थ से प्ररित होकर की जाती है| स्वार्थ की पूर्ति होने पर मित्रता भी समप्त हो जाती है- 'स्वार्थ लागी करे सब प्रीति'| आज के अधिकांश मित्र सामने मीठा बोलते है और पीछे काम बिगारते है| ऐसे मित्र विष


 

 
 

 


 


गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas par Nibandh in hindi )

Essay on Republic Day - दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी पर निबंध पढेंगे| हम सब भारतीय लोग हर साल अपने देश में गणतंत्र दिवस को मनाते है|

भारत की पावन धरा पर पर्तिवर्ष अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक तथा रास्ट्रीय पर्व मनाई जाती है| रास्ट्रीय पर्वो में वे उत्सव आते है, जिनका संबंध राष्ट् तथा रास्ट्रीय जनजीवन से होता है| 26 जनवरी, 1950 को हमारे नेताओ ने 'गणतंत्र दिवस' के रूप में घोषित किया| आज भारत का प्रतियेक नागरिक इस पर्व को बरी धूम धाम से मनाता है|

'छब्बीस जनवरी आकर कहती है हर बार|
 संघर्षो से ही मिलता है, 
जीने का अधिकार'

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Republic Day in Hindi)

 
गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में


पूर्ण स्वराज्य की प्राप्ति का धेये - बाल गंगाधर तिलक ने कहा था - 'स्वराज्य मेरा जन्म-सिद्ध अधिकार है|' अखिल भारतीय कांग्रेस के लाहोर में 26 जनवरी, 1929 को हुए अधिवेशन में सर्वसम्मति से वह निर्णय लिया गया था की "पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करना ही हमारा मुख्य लक्ष्य है|"

पूर्ण स्वंत्रता की प्राप्ति- पूर्ण स्वतन्त्रता के समर्थन में देश भर में 26 जनवरी, 1930 को तिरंगे धव्ज के साथ जुलुस निकाले गए और सभाए की गई| इनमे प्रस्ताव पास कर प्रतिज्ञा की गई की जब तक हम पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हमारा सवंत्रता आंदोलन जारी रहेगा|

चाहे कितनी बरी बाधा उत्पन क्यों न हो, हमारा यह अनदोनल थमने वाला नहीं| इस अनदोनल के तहत सवंत्रता की वेदी पर अनेक लालो का रक्त चढ़ा, कईयो ने लाठी व गोली खाई और जेलों में जाना परा| 'करो या मरो' के उदघोष से अंग्रजो को भारत को आजाद कराने के लिए सोचना परा और 15 अगस्त, 1947 को उन्होंने हमें आजाद कर दिया|

संविधान का निर्माण- सन 1950 में भारतीय बनकर तैयार हो गया | डॉ. भीमराव आंबेडकर को अध्यक्षता में गठित समिति द्वरा तैयार भारतीय संविधान को लागु करने की तिथि को लेकर काफी विचार-विमर्श किया गया| अंत में 26 जनवरी, 1950 को इसे लागु कर दिया गया | इस दिन भारत में प्रजातांत्रिक साशन की घोषणा की गई |

'प्रजातंत्र के दीप जले है आज नई तरुणाई ले |
 भारत माता की जय बोले, देश नई अंगराई ले |'

गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम- गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले शाम को रास्ट्रीपति देश के नाम संदेश देते है | गणतंत्र दिवस की सुबह इंडिया गेट स्थित अमर जवान जोती का अभिवादन कर इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की सुरुआत होती है | अमर जवान ज्योति का अभिवादन प्रधानमंत्री द्वरा किया जाता है| इसके कुछ ढेर बाद राष्टपति इस अवसर पर सैनिको द्वरा निकाली जाने वाली परेड की सलामी लेन के लिए इंडिया गेट के पास स्थित मंच पर आते है| वहा उनका सेना के तीनो अंगो के कैप्टेन  द्वरा स्वागत किया जाता है | शाम को सरकारी भवनों पर रौशनी की जाती है | ख़ुशी से देश झूम उठता है |

जिलो एवं राज्यों में मानाने का ढंग- प्रत्येक राज्य के हर जिले में यह पर्व ठीक उसी प्रकार मनाया जाता है; जैसे राजधानी में मनाया जाता है| राज्य के राज्यपाल, तथा समस्त मंत्रिगन के द्वरा तिरंगा फहराया जाता है| 

विद्यालय के छात्रों द्वरा सांकृतिक कार्यक्रम दिखाया जाता है| इनाम बाटे जाते है तथा झाकीया भी निकाली जाती है| 

 उपसंहार - 26 जनवरी प्रतिवर्ष आती है और हमें सहज करती है कि भारत सवंत्रत देश है | इसमें जनतंत्र है| प्रजा का सासन है| स्वम्बिधन में सवपे गय कार्यो तथा देश की उनती में एकजुट होकर अपना करत्व निभाना है| हमें देशहित में निशचित योजनाव व निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति में तन, मन, धन से योगदान देने का संकल्प लेना चाहीए |

'जय हिन्द जय भारत' 

Final Thought:-

हम आप लोगो से बस इतना ही कहना चाहता हू की अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरुर से जरुर शेयर करे. धन्यवाद् ..............

 

 

 


 

सोमवार, 21 दिसंबर 2020

क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (Christmas Essay in hindi)

प्रिय दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में पुरे पृथ्वी पे मनाये जाने वाले त्वाहार "क्रिसमस (Christmas)" पर निबंध हिंदी में पढेंगे|

 दोस्तों, क्रिसमस को हमारे देश में पुरे धूम-धाम से मनाया जाता है| अगर आप भी क्रिसमस के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जानना चाहते है तो हमारे ब्लॉग (Gayanibro) के इस आर्टिकल को पूरा पढ़े| 

 जिसमे हम जानेंगे की क्रिसमस क्यू मनाया जाता है और कब मनाया जाता है और अधिक जानकारी लेंगे तो जादा समय बर्बाद न करते हुए इस आर्टिकल को सुरु करे|

क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में (Essay on Christmas in Hindi)

क्रिसमस पर निबंध हिंदी में
क्रिस्चन समुदाए के लोग हर शाल 25 दिसम्बर को क्रिसमस का त्वाहार मनाया जाता है| यह त्वाहार इसाइ -यो  का सबसे बारा त्वाहार है| आज के दिन ही ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था इसलिए हमलोग इसे बारा दिन भी कहते है| 

क्रिसमस के 15 दिन पहले ही इसाइ धर्म के लोग तैयारीयों में जुट जाते है| इस दौरान स्कूलों में छुट्टी रहती है और घर और बाज़ार रौशनी से जग मागा जाता है|

क्रिसमस के कुछ दिन पहले ही चर्च विभिनं प्रकार के कार्यक्रम सुरु हो जाते है और न्यू ईयर तक चलते रहता है| कहा जाता है की इनके पिता का नाम जोजफ और माता का नाम मरियम था| इसिइ धर्म के लोग अपने घर में साफ सफाई करते है और, नए-नए वस्त्र ख़रीदे जाते है और अनेक प्रकार के पकवान बनाये जाते है| 

आज के दिन चर्चो में प्रभु यसु के जन्म कथा को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है| कहा जाता है कि ठीक 12 बजे लोग अपने मित्रो को क्रिसमस की बधाईया देते है और खुशिया मानते है|

कई जगह प्रभु यशु की झाकिया प्रस्तुत की जाती है| क्रिसमस के दिन गिरजाघरो में विसेस प्राथनाएं किये जाते है| आज के दिन हर एक घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है| क्रिसमस के दिन लोग एक दुसरे को केक खिलाकर बधाई देते है| और सांताक्लाज का रूप धरकर व्यक्ति बच्चों को टॉफी या उपहार देते है| 

इस दिन बच्चे अपने प्यारे सांताक्लाज को बहुत याद करते है| लम्बे बाल, और रंग बिरंगे वस्त्र पहनकर सांताक्लाज बच्चे से मिलने जरुर आते है| 

इस तरह क्रिसमस का त्वाहारसबके साथ मिल जुलकर रहने का संदेश देता है| प्रभु यशु कह के गए थे की तिन-दुखियो का सेवा सबसे पुण्य धर्म है इसलिए जितना हो सके उतना हमें दुसरो की मदद करना चाहिए|

Final Thought :- 

हम आपसे इतना ही कहना चाहते है की अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगे तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे| धन्यवाद......